क्या? आपने अभी तक तानाजी मूवी नहीं देखी?




तानाजी मूवी देखी आपने? इसे देखकर ख़ुशी और गर्व तो हुआ होगा ना? और अगर अभी तक आपने इस मूवी को नहीं देखा है, तो जरूर जाइए और इसे देखिये, अपने दोस्त रिश्तेदार सभी को कहिये देखने के लिए. क्यों एक मूवी के लिए इतना जोर देकर आपको कहा जा रहा है? ये देखिये इसके कारण...



“#ThanksMughals trends to protest ‘vilification’ after ‘Tanhaji; Trailer
Several users argued that Mughals were always vilified and that the Mughals were intrinsic members of Indian society.



तानाजी फिल्म के सिर्फ ट्रेलर रिलीज़ होते ही सारे सो कॉल्ड सेक्युलर, खान मार्किट गैंग, टुकड़े टुकड़े गैंग, एंटी इंडिया गैंग ये सारे अपना होश खो बैठे. और इन्होने तुरंत ही #थैंक्स मुग़ल्स ये हैशटैग ट्रेंड करना शुरू कर दिया. सिर्फ एक ट्रेलर देखर इन्हे इतनी जलन होने लगी. याद है ना चाहे जोधा-अकबर हो, या ताजमहल या फिर मुगले-आज़म , हम तो इन चीज़ो को आसानी से स्वीकार करते है और केवल मोरंजन के लिए देखते है. लेकिन इन्हे तानाजी एक आँख नहीं सेहन हो रहा है. इस मूवी का सिर्फ ट्रेलर देख कर ही इन्हे पेट दर्द शुरू हो गया था. जिन मुघलोंने हजारो मंदिर, गुरूद्वारे तोड़े, हिन्दू सीखो पर जज़िया कर याने जीने का टैक्स लगाया, सिख धर्मगुरुओकी निर्घृण हत्या की, हिन्दुओ का जबरन धर्म परिवर्तन कराया, जिन मुघलो के खिलाफ राजपूत, मराठा, सिख अपनी जान की बाजी लगाकर लढे उन मुघलोको धन्यवाद देने वाला थैंक्स मुग़ल ट्रेंड इन लोगोने शुरू किया सिर्फ तानाजी का ट्रेलर देख कर.
और अब जब की तानाजी मूवी रिलीज़ हो गयी है, अब तो पूछिए ही मत. ये मुघलो के गुलाम अपना आपा खो चुके है और कुछ भी बयान दे रहे है. देख लीजिये द क्विंट और द वायर में क्या लिखा है.



The Quint: Tanhaji, The Unsung Warrior is the latest in the slew of Islamophobic period films coming out of Bollywood in recent years


The Wire: ‘Tanhaji’ Review: Propaganda Weighs Down an Already Mediocre Film. Less of a feature film and more of a presentation to Modi and Amit Shah to realise their deeply egregious ideas about India. ‘Tanhaji’ tells a deeply divisive story when the country is on the brink of getting torn.     


द वायर ने तो हद ही कर दी है, ये कह रहे है की ये तानाजी मूवी मोदी और अमित शाह का सपना साकार कर रही है. ये कह रहे है की ये तानाजी मूवी देश को तोड़ने का काम कर रही है. इस का ये मतलब होता है की ये लोग यह स्वीकार ही नहीं करते की मुघलोंने भारत पर आक्रमण किया और यहाँ के लोगो पर अत्याचार किये. सत्य इतिहास सामने आया तो इन्हे तकलीफ हो रही है. जब की फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का नाम लेकर एम् ऍफ़ हुसैन हमारे हिन्दू देवी देवताओंके अपमानजनक चित्र निकाल सकता है, यहाँ तक की सेक्सी दुर्गा नाम से फिल्म भी बनायीं जाती है, बॉलीवुड वाले हिंदुओंपर, हिन्दू रीतिरिवाज़ और त्योहारों पर जो मन मर्जी आये बयान दे सकते है पर जैसे ही मुग़लों का काला सच सामने आया इन्हे आपसी भाईचारा याद आया और ये एकता की दुहाई देने लगे.

असल बात तो यह है की अफगान, तुर्क, मंगोल से आये आक्रमण कारी मुघलो को ये लोग अपना मानते है. इन लोगो को तो तानाजी मूवी के 'माय भवानी' गाने से भी नफरत है. ये चाहते है क्रूरकर्मा औरंगज़ेब का घिनौना सच छुपा कर रखे और मुघलो के गुणगान गाते रहे. आज भी सीबीएससी के पाठ्यक्रम में हमे यही पढ़ाया जाता है की अकबर कितना महान था. भाजपा सरकार भी इसे नहीं बदल सकती क्युकी फिर उनपर भगवाकरण का आरोप जो लग जाएगा.


इसीलिए हमे तानाजी मूवी देखनी ही चाहिए और दुसरो को भी इसे देखने के लिए आग्रह करना चाहिए. ऐसा करने से और कई कलाकार ऐसी मूवी तैयार करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. हर तरह के लोगो को, हर उम्र के देखने वालो को, समाज के हर स्तर से आये लोगो को एकसाथ एक ही मूवी पसंद आये ये बहोत मुश्किल है पर इन सब का खयाल रखते हुए बनाने वालो ने तानाजी मूवी में एक बहोत ही अच्छा तालमेल जमाया है - और हर वर्ग के देखने वालों को ये मूवी पैसा वसूल और दाम दुगना वाला एहसास देती है - और यही इस मूवी के निर्माताओं की बहोत बड़ी उपलब्धि है.

इस में एक डायलॉग ऐसा था "शिवजी महाराज की तलवार औरतो के घूँघट और ब्राह्मणो के जनीव की रक्षा करती है" और ये ऐतिहासिक सत्य भी है. शिवजी महाराज के पराक्रम के कारण उस ज़माने में मुघलो के अत्याचार से हिन्दू जनता की इज्जत, प्राण, धर्म और संपत्ति की रक्षा हुई थी. लेकिन बाद में यह डायलॉग चेंज करवाया गया, जनीव का उच्चार भी निकाल दिया गया.... कोई बात नहीं, फिर भी इस मूवी के अनेक डायलॉग ऐसे है जो शानदार है और हमे सत्य की याद दिलाते है.  इन्हे सुनकर जोश का माहौल निर्माण होता है, वीरश्री जागृत होती है.


ये दुःख की बात है की आज भी मुघलो के गुलामो की हमारे देश में कमी नहीं है. ब्रिटिश सत्ता के हैंगओवर में जीने वाले भी बहोत लोग आज भी हमारे बिच है. ब्रिटिश काल के शिक्षाविद मैकाले ने सोच समझकर ऐसी शिक्षा पद्धति का निर्माण किया की भारत के लोग भारतीयत्व का, हिंदुत्व का विरोध करेंगे और आज मैकाले के छल को फल लगे नजर आते है. इन लोगो को हर उस चीज़ से नफरत है जिस से भारतीयत्व की महानता, हिंदुत्व की महानता का प्रमाण मिले. तानाजी इसी महानता का बखान करती है.और इसीलिए ये हमारा कर्त्तव्य है की हम तानाजी देखे, जरूर देखे. चाहे सरकार इसे ट्रक्स फ्री करे या ना करे.


काला पानी

हम सभी लॉक डाउन में बंद है. ये सही समय है जानने का , सोचने का उनके बारे में जिन्हे पुरे जीवन के लिए लॉक डाउन किया गया था. वो भी ए...